
उत्तराखंड: पश्चिम बंगाल के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर द्वारा हाल ही में दिया गया वह विवादित बयान, जिसमें उन्होंने ‘बंगाल बाबरी मस्जिद’ के नाम पर बाबरी मस्जिद को दोबारा खड़ा करने की बात कही थी, अब पूरे देश में राजनीतिक भूचाल का कारण बन गया है। इस टिप्पणी ने केवल बंगाल की राजनीति ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी माहौल को गर्म कर दिया है। इसी कड़ी में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी कबीर पर तीखा हमला बोला और उनके बयान को पूरी तरह अराजक व समाज को भड़काने वाली राजनीति बताया।
मुख्यमंत्री धामी ने साफ कहा कि जिस प्रकार के बयान हुमायूं कबीर दे रहे हैं, उसका उद्देश्य केवल लोगों की भावनाओं को भड़काना, तुष्टीकरण की राजनीति को हवा देना और वोट बैंक साधना है। उन्होंने कहा कि देश अब बदल चुका है और जनता ऐसे बयानों से प्रभावित होने वाली नहीं है। लोगों को भड़काने की यह पुरानी शैली अब अधिक कारगर नहीं रह गई है, क्योंकि जनता सच और दिखावे के बीच का फ़र्क बहुत स्पष्ट रूप से समझने लगी है। धामी के मुताबिक, देश की जनता अब उन नेताओं का साथ दे रही है जो जमीन पर काम करते हैं, न कि उन लोगों का जो अफवाहें फैलाकर या धार्मिक मुद्दों का सहारा लेकर राजनीति को नया मोड़ देने की कोशिश करते हैं।
इस विवाद पर बोलते हुए मुख्यमंत्री धामी ने यह भी स्पष्ट किया कि उत्तराखंड में इस तरह की राजनीति को कोई जगह नहीं मिल सकती। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है, यहां लोग शांति, प्रेम और सद्भाव के साथ रहते हैं। किसी भी तरह का उन्माद, कट्टरता या भड़काऊ बयानबाज़ी इस राज्य में स्वीकार नहीं की जाएगी। धामी ने राज्य में लैंड जिहाद, लव जिहाद और थूक जिहाद पर की गई कार्रवाइयों का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने पहले ही साफ संदेश दे दिया है कि प्रदेश में किसी भी तरह का “जिहाद” अब नहीं चल पाएगा। उनकी इस टिप्पणी ने हुमायूं कबीर के बयान पर चल रहे राष्ट्रीय राजनीतिक विवाद को और तीखा बना दिया है।
कुल मिलाकर, बंगाल से उठी इस चिंगारी ने पूरे देश में बहस को नया आयाम दे दिया है और राजनीतिक गलियारों में बयानबाज़ी का दौर लगातार तेज होता जा रहा है। हुमायूं कबीर के विवादित बयान के बाद अब नेता खुलकर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं और माहौल लगातार गर्म होता जा रहा है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी का सख्त जवाब इस विवाद में एक और महत्वपूर्ण मोड़ जोड़ देता है।

