
उत्तराखंड में जल्द ही खेल महाकुंभ का भव्य आगाज़ होने वाला है। पूरे राज्य में खेल प्रतिभाओं को मंच देने के लिए इस महाकुंभ को चार चरणों में आयोजित किया जाएगा, जिनमें न्याय पंचायत स्तर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि खेलकूद प्रतियोगिता, विधायक चैंपियनशिप ट्रॉफी, सांसद चैंपियनशिप ट्रॉफी और अंत में मुख्यमंत्री चैंपियनशिप ट्रॉफी शामिल हैं। संभावना जताई जा रही है कि 20 दिसंबर से राज्यभर में खेल महाकुंभ की गतिविधियाँ शुरू हो जाएँगी, जिसे लेकर तैयारियाँ तेज़ कर दी गई हैं।
विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित कुमार सिन्हा ने बताया कि इस बार खेल महाकुंभ पूरे प्रदेश में बड़े पैमाने पर खेल प्रतियोगिताओं के रूप में आयोजित होगा, जिसका ग्रैंड फिनाले देहरादून में होगा। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी समारोह का हिस्सा बनेंगे। इस वर्ष का खेल महाकुंभ कई मायनों में खास है, क्योंकि पहली बार मोहल्लों और गाँवों में खेले जाने वाले पारंपरिक खेल—गोली (कंचा/अंटी)—को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य लोक खेलों को पुनर्जीवित करना और ग्रामीण प्रतिभाओं को बड़े मंच पर लाना है।

मुख्यमंत्री चैंपियनशिप ट्रॉफी के तहत होने वाली गेंद-कंचा प्रतियोगिता के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियाँ की जा रही हैं। खिलाड़ियों के लिए कंचों की खरीद से लेकर प्रशिक्षकों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण तक का काम जारी है। प्रतियोगिता में प्रतिभागी टीपा, लाइन हिट, डायरेक्ट शॉट और मार्बल कंट्रोल जैसे कौशलों के आधार पर अंक जुटाएंगे। यह पहली बार है जब पारंपरिक खेल को इतने व्यापक रूप में आधुनिक प्रतियोगिता ढांचे में शामिल किया जा रहा है।
प्रतियोगिता में सरकारी और निजी स्कूलों के छात्र, आईटीआई, पॉलिटेक्निक, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय के विद्यार्थी, नवोदय विद्यालय, केवी, सरस्वती विद्या मंदिर और मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थी भाग ले सकेंगे। खेल अकादमी, छात्रावासों और खेल संघों से जुड़े खिलाड़ी भी इसमें हिस्सा लेने के पात्र होंगे। भाग लेने के इच्छुक प्रतिभागी अपने फोटोयुक्त आयु प्रमाण पत्र के साथ ऑनलाइन पंजीकरण khel-mahakumbh2025.zhelouk.in वेबसाइट पर कर सकते हैं। विजेताओं को जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में नकद पुरस्कार दिए जाएंगे, जिन्हें जिला युवा कल्याण अधिकारियों के माध्यम से संबंधित संस्थानों तक पहुँचाया जाएगा। साथ ही प्रत्येक आयोजन की रिपोर्ट तीन दिन के भीतर संबंधित जिला कार्यालय को भेजनी होगी।
इस बार खेल महाकुंभ में दौड़, कबड्डी, खो-खो, जूडो, कराटे जैसे प्रमुख खेलों के साथ पहली बार पिट्ठू और कंचा जैसी पारंपरिक प्रतियोगिताएँ भी शामिल की गई हैं। कुल 26 खेलों को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का हिस्सा बनाया जाएगा। पुरस्कारों की बात करें तो न्याय पंचायत स्तर पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान के लिए क्रमशः 300, 200 और 100 रुपये दिए जाएंगे। विधानसभा स्तर पर पुरस्कार राशि 500, 400 और 300 रुपये, जबकि संसदीय क्षेत्र स्तर पर 800, 600 और 400 रुपये निर्धारित की गई है। राज्य स्तर पर विजेताओं को 1500, 1000 और 700 रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही सभी विजेताओं को मेडल, ट्रॉफी और प्रमाण पत्र भी दिए जाएंगे।
तैयारियों के साथ-साथ प्रतिभागियों में भी प्रतियोगिता को लेकर ज़बरदस्त उत्साह है। इस बार का खेल महाकुंभ न सिर्फ राज्य की खेल प्रतिभाओं को बड़ा मंच देने वाला है, बल्कि पारंपरिक खेलों को नई पहचान दिलाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

