
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगी। कुल 19 प्रस्तावों पर सहमति बनी, जिनमें भूमि मुआवजे से लेकर छोटे अपराधों के दंड प्रावधानों और आवास एवं शहरी विकास से जुड़े बड़े बदलाव शामिल रहे।
बैठक में बिजली लाइनों से प्रभावित जमीन के मुआवजे को बढ़ाते हुए केंद्र के नए मानकों को अपनाया गया। अब टावर और उसके एक मीटर दायरे के क्षेत्रफल का मुआवजा सर्किल रेट के 200% के आधार पर दिया जाएगा। साथ ही सर्किल रेट और बाजार मूल्य के अंतर को दूर करने के लिए एक समिति बनाई जाएगी, जो प्रभावित भूमि मालिकों के हित में कार्य करेगी।
छोटे अपराधों को लेकर भी सरकार ने बड़ी राहत की घोषणा की। सात एक्ट की जगह ‘जन विश्वास एक्ट’ लागू किया जाएगा और 52 पुराने एक्ट चिन्हित किए गए हैं। अब छोटे अपराधों में जेल की सजा देने के बजाय आर्थिक दंड लगाया जाएगा। उदाहरण के तौर पर, जैविक कृषि क्षेत्र में प्रतिबंधित कीटनाशक के उपयोग पर पहले एक लाख रुपये जुर्माना और एक साल की जेल थी, जिसे संशोधित कर केवल जुर्माना बढ़ाकर पाँच लाख रुपये कर दिया गया है और जेल का प्रावधान हटा दिया गया है।
आवास विभाग से जुड़े चार प्रमुख प्रस्तावों को भी मंजूरी मिली। ग्रीन बिल्डिंग को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त FAR दिए जाने की व्यवस्था की गई, प्लेटिनम ग्रेड को 5%, गोल्ड को 3% और सिल्वर को 2% अतिरिक्त FAR मिलेगा। व्यावसायिक क्षेत्रों में ग्राउंड कवरेज से जुड़े प्रतिबंधों में ढील दी गई है, और अब हर निर्माण में एक समान सेटबैक नियम लागू होंगे। इको-रिजॉर्ट के साथ अब सामान्य रिजॉर्ट भी बनाए जा सकेंगे, जिसके लिए भू-उपयोग परिवर्तन कराने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। नक्शा पास करवाने की प्रक्रिया में भी लैंड यूज़ की शर्त को समाप्त किया गया है। पर्वतीय क्षेत्रों में सड़क की न्यूनतम चौड़ाई छह मीटर और मैदानी क्षेत्रों में नौ मीटर तय की गई।
बहु-मंजिला इमारतों में सड़क-स्तर की पार्किंग की ऊँचाई को अब भवन की कुल ऊँचाई में शामिल नहीं किया जाएगा। मोटल श्रेणी को नियमों से हटाने पर भी सहमति बनी। साथ ही लैंड पुलिंग और टाउन प्लानिंग स्कीम को मंजूरी दी गई, जो अन्य राज्यों में पहले से लागू हैं और सफल मानी जाती हैं। इन योजनाओं के तहत टाउनशिप विकास के बदले भूमि मालिकों को वाणिज्यिक जमीन का प्रावधान किया जाएगा।
वित्त विभाग द्वारा प्रस्तुत उत्तराखंड माल एवं सेवा कर संशोधन अध्यादेश को भी कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी। तकनीकी विश्वविद्यालय में अब फैकल्टी की भर्ती लोक सेवा आयोग के बजाय विश्वविद्यालय स्तर पर ही की जाएगी, जिससे नियुक्ति प्रक्रिया तेज और सरल होगी।
लोक निर्माण विभाग में जूनियर इंजीनियर के पदों पर पदोन्नति व्यवस्था में परिवर्तन किया गया। पहले 5% पद समूह ‘ग’ से प्रमोशन के जरिए भरे जाते थे, लेकिन योग्य उम्मीदवार नहीं मिल पा रहे थे। अब 10 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को सीधे जेई बनाया जाएगा।
नागरिक उड्डयन विभाग से जुड़े महत्वपूर्ण फैसले में नैनी सैणी एयरपोर्ट का संचालन अब एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया करेगी। वहीं सितारगंज के कल्याणपुर में पट्टे पर दी गई जमीन के नियमितीकरण के लिए 2004 के सर्किल रेट को आधार माना जाएगा।

