
देहरादून: प्रदेश में नए साल से राशन कार्ड बनाने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाएगी। यह ऐलान खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रेखा आर्या ने विभागीय अधिकारियों की बैठक में किया। सचिवालय के एफआरडीसी सभागार में आयोजित इस बैठक में मंत्री ने निर्देश दिए कि राशन कार्ड निर्माण की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की विसंगति को दूर करने के लिए इसे पूरी तरह डिजिटल किया जाए।
मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि इसी तर्ज पर राशन विक्रेताओं के भुगतान और उनकी बिलिंग की प्रक्रिया को भी ऑनलाइन किया जाएगा, ताकि पारदर्शिता और त्वरित वितरण सुनिश्चित किया जा सके। समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि इस वर्ष मई महीने तक का लाभांश सभी जनपदों में राशन वितरण कर्ताओं को प्रदान कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, अगले तीन महीने का लाभांश भी केवल दो से तीन दिनों में वितरित कर दिया जाएगा।
नए राशन कार्ड बनवाने के दौरान अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि वे केवल आवेदन की पुरानी तिथि को आधार न बनाएं, बल्कि पूरी संवेदनशीलता के साथ यह सुनिश्चित करें कि सबसे ज्यादा जरूरतमंद व्यक्तियों को कार्ड पहले मिलें। इस प्रक्रिया में विशेष ध्यान विकलांग, तलाकशुदा, परित्यक्त, अनाथ और मानसिक रूप से कमजोर व्यक्तियों को दिया जाएगा, ताकि उनकी जरूरतों को प्राथमिकता मिल सके।
वहीं धान खरीद के क्षेत्र में भी प्रदेश ने अपने लक्ष्यों को काफी हद तक प्राप्त कर लिया है। मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुसार अब तक प्रदेश में 98 प्रतिशत धान की खरीद हो चुकी है। लक्ष्य को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार के साथ पत्राचार किया जा रहा है, और जब यह लक्ष्य बढ़ेगा, तो प्रदेश के अन्य धान किसानों की फसल भी एमआरपी पर खरीदी जा सकेगी।
इसके अलावा, राशन वितरण के क्षेत्र में राहत और पारिवारिक सुरक्षा का भी प्रावधान किया गया है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने कहा कि अगर किसी सरकारी राशन विक्रेता की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी दुकान उसके आश्रितों को आवंटित की जाएगी। केवल तभी आवेदन मांगे जाएंगे जब आश्रित इस सुविधा के लिए इच्छुक न हों। इस प्रकार, सरकार ने राशन वितरण की प्रक्रिया को पारदर्शी, सुरक्षित और डिजिटल बनाने के साथ-साथ जरूरतमंद और प्रभावित व्यक्तियों के कल्याण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

