
उत्तराखंड: एससीईआरटी ननूरखेड़ा में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “भारत दर्शन शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम” के माध्यम से प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को भारत की प्रगति, विज्ञान, तकनीक, इतिहास और संस्कृति को प्रत्यक्ष रूप से देखने और समझने का अनूठा अवसर मिल रहा है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से अपील की कि वे इस यात्रा के अनुभव अपनी डायरी में लिखें और साथ ही उत्तराखंड में पहली बार हुए नवाचारों, उपलब्धियों और विशेष पहल को भी दर्ज करें। मुख्यमंत्री ने उदाहरण देते हुए बताया कि उत्तराखंड ने देश में पहली बार यूसीसी लागू किया, जो अन्य राज्यों के लिए मॉडल बन गया। इसके साथ ही राज्य में पहली बार सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया और सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में उत्तराखंड को प्रथम स्थान हासिल हुआ।
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2023 में कर्तव्य पथ पर आयोजित परेड में उत्तराखंड की झांकी को प्रथम स्थान मिला, राज्य में पहली बार 27 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की गई और राष्ट्रीय खेलों का आयोजन भी पहली बार किया गया। इसके अलावा, भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई हुई, 10 हजार एकड़ जमीन अतिक्रमण से मुक्त कराई गई और मदरसा बोर्ड को समाप्त किया गया। उत्तराखंड को मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट का पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस शैक्षिक भ्रमण से लौटने के बाद छात्रों की डायरी के आधार पर प्रत्येक जनपद से दो-दो छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2024-25 में इस कार्यक्रम के प्रथम चरण में 156 छात्रों ने देश के प्रमुख वैज्ञानिक और तकनीकी संस्थानों का भ्रमण किया, जबकि इस वर्ष प्रतिभागियों की संख्या बढ़कर 240 हो गई है। ये छात्र इसरो, श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, प्रोफेसर यूआर राव उपग्रह केंद्र और विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों का दौरा करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस यात्रा के दौरान छात्र-छात्राओं को यह अनुभव होगा कि तकनीक के क्षेत्र में भारत ने कितना प्रगति की है। उन्होंने कहा कि किताबी शिक्षा महत्वपूर्ण है, लेकिन प्रत्यक्ष अनुभव से समझ और दृष्टिकोण में कई गुना वृद्धि होती है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि इस भ्रमण का एक बड़ा लाभ यह होगा कि छात्रों में टीमवर्क, सामाजिक कौशल और आत्मविश्वास का विकास होगा। इस अनुभव को वे जीवनभर याद रखेंगे और उत्तराखंड के ब्रांड एंबेसडर के रूप में देश के विभिन्न हिस्सों में राज्य की संस्कृति, प्रकृति, खान-पान और पर्यटन की विशेषताओं को साझा करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का युग ज्ञान और कौशल का युग है, और भारत दर्शन शैक्षिक भ्रमण पर जाने वाले छात्र-छात्राएं भविष्य में अपने ज्ञान और कौशल से वैज्ञानिक, डॉक्टर, इंजीनियर, उद्यमी, कलाकार और नीति निर्माता बनेंगे। उन्होंने छात्र-छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि उन्हें अपने सपनों को हमेशा बड़ा रखना चाहिए। जीवन में कठिनाइयाँ आएंगी, पर उनसे सीखते हुए आगे बढ़ने से सफलता अवश्य मिलेगी।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत, रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ, सचिव रविनाथ रामन, अपर सचिव रंजना राजगुरु, शिक्षा महानिदेशक दीप्ति सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

