
उत्तराखंड सरकार ने रात्रि पाली में महिला कर्मचारियों के काम करने को लेकर नया आदेश जारी किया है। अब राज्य में रात के नौ बजे से सुबह छह बजे तक महिलाएँ अपने कार्यस्थलों पर काम कर सकेंगी। यह निर्णय कैबिनेट की मंजूरी के बाद श्रम विभाग द्वारा अधिसूचित किया गया है। नए नियमों के तहत, रात्रि पाली में कार्य करने के लिए प्रत्येक महिला कर्मचारी की सहमति अनिवार्य होगी। यदि किसी कर्मचारी ने इस काम के लिए असहमति व्यक्त की, तो उसे बाध्य नहीं किया जा सकेगा।
नियोजक या संस्थान की ओर से रात्रि पाली में महिलाओं से काम करवाने की जानकारी संबंधित श्रम अधिकारी और स्थानीय थाना प्रभारी को उपलब्ध कराना आवश्यक होगा। महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नियोजक को उनके निवास स्थान से कार्यस्थल तक आने-जाने के लिए पिक-अप और ड्रॉप की सुविधा सुनिश्चित करनी होगी। इसके साथ ही पैनिक बटन और जीपीएस आधारित पर्याप्त परिवहन व्यवस्था भी लागू करनी होगी। वाहन और कार्यस्थल पर पुलिस हेल्पलाइन नंबर, नज़दीकी थाना और चौकी के संपर्क नंबर स्पष्ट रूप से चस्पा करने होंगे।

महिला कर्मचारियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए नियोजक द्वारा परिवहन चालक और परिचालक का पुलिस सत्यापन अनिवार्य रूप से करवाना होगा। कार्यस्थल पर महिलाओं के लिए सुरक्षित, संरक्षित और स्वास्थ्यपूर्ण वातावरण सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य होगा, ताकि रोजगार से संबंधित किसी भी प्रकार की असुविधा या हानि से बचा जा सके। नियोजक को महिला कर्मचारियों के लिए शौचालय, चेंजिंग रूम, पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएं अधिनियम के अनुरूप उपलब्ध करानी होंगी।
इसके अलावा, महिला कर्मचारियों के लिए कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष से संबंधित अधिनियम 2013 के सभी प्रावधान लागू होंगे। हर दुकान और प्रतिष्ठान के प्रवेश और निकास द्वार पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की भी आवश्यकता होगी, ताकि महिला कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह अधिसूचना सचिव डॉ. श्रीधर बाबू अद्दांकी की ओर से जारी की गई है।

